बैंकिंग उद्योग में पहली बार – बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने टैबलेट बैंकिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के लिए तत्काल बचत खाता खोलने की सेवा शुरू की

इससे स्वयं सहायता समूहों के लिए बैंकिंग सेवाएं बहुत सरल हो जाएंगी तथा उनके लिए ऋण प्राप्त करना बेहद सुविधाजनक होगा

बैंकिंग उद्योग में एक नई पहल करते हुए, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने आज टैबलेट (बॉब वर्ल्ड – टैबइट) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए डिजिटल तरीके से तत्काल बचत खाता खोलने की सेवा के शुभारंभ की घोषणा की है।

‘बॉब वर्ल्ड – टैबइट’ के माध्यम से SHG के लिए खाता खोलने की शुरुआत करते हुए, बैंक ने SHGs को अपने साथ जोड़ने की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण कर दिया है, जिससे तुरंत खाता खोलना संभव होगा तथा स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग का बेहतर एवं अधिक सुविधाजनक अनुभव प्रदान किया जा सकेगा। इस पहल से स्वयं सहायता समूहों को तेजी से क्रेडिट लिंकेज की सुविधा भी मिल सकेगी, जिससे भारत सरकार के मिशन [दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)] को समर्थन मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप बैंकिंग की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

‘बॉब वर्ल्ड- टैबइट’ के माध्यम से खोले जाने वाले SHG के तत्काल बचत खाते की मुख्य विशेषताएँ:

तत्काल खाता खोलने और ग्राहकों को बैंक से जोड़ने के उद्देश्य से SHGs के खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण
खाता खोलने की प्रक्रिया के दौरान एकीकृत सेवाओं के अनुरोध, जैसे कि व्यक्तिगत चेक बुक, SMS अलर्ट आदि के लिए पंजीकरण
ग्राहकों के लिए उपयोगकर्ता के तौर पर बेहतर अनुभव
आधार इकोसिस्टम पर निर्मित

इस मौके पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मुख्य डिजिटल अधिकारी श्री अखिल हांडा ने कहा कि “बैंक ऑफ़ बड़ौदा अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने और बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नए-नए डिजिटल उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। ‘बॉब वर्ल्ड- टैबइट’ के माध्यम से SHG के तत्काल बचत खाते खोलने की शुरुआत भी इस दृष्टिकोण पर आधारित है, और सही मायने में यह SHGs के लिए बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाने की दिशा में पूरी निष्ठा से किया गया एक और प्रयास है, जिससे क्रेडिट लिंकेज को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण ग्राहकों के उत्थान में सहायता मिलेगी । आने वाले दिनों में, हम कुल SHG खातों में से लगभग 75% खाते डिजिटल तरीके से खोलने की उम्मीद करते हैं।”

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