सिडबी द्वारा एमएसएमई इकाइयों को पर्यावरण सक्षम बनाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और वित्तीय उपाय

सिडबी ने एजेंसी फ्रैंन्चाइस डी डेवलपमेंट (एएफडी) और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के साथ भागीदारी

सूक्ष्मलघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए एमएसएमई क्षेत्र के लचीलेपन को बढ़ाने और ग्लासगो में पक्षकारों के सम्मेलन (सीओपी 26) में देश की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप एमएसएमई इकाइयों को पर्यावरण सक्षम बनाने की सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से एक समर्पित उद्भाग स्थापित किया है। केंद्रीय बजट 2022 में भी जलवायु कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा, सौर, ई-गतिशीलता, बैटरी, अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा सेवा कंपनियों (ईएससीओ) के माध्यम से ऊर्जा दक्षता, आदि के लिए स्वर्ण काल (अमृत काल) के दौरान सुदृढ़ नीतिगत आग्रह किया गया है।

सिडबीद्वारा ‘ग्रीनिंग इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम’पर हाल ही में संपन्न एक अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन में नियामकों और प्रमुख हितधारकों (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) को एक साथ लाया गया है । इसने एजेंसी फ्रैंन्चाइस डी डेवलपमेंट (एएफडी) और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के साथ भागीदारी की और ये ज्ञान श्रृंखलाएं अच्छी प्रथाओं को आत्मसात करने के लिए जारी रहेंगी।

विकासात्मक उपाय
सिडबी ग्रीन क्लाइमेट फंड के लिए एक मान्यता प्राप्त एजेंसी है और अपने भागीदारों के माध्यम से अपने द्वारा हरित निवेश को बढ़ावा देने के लिए निधि को चैनलाइज करने के लिए तैयार है और साथ ही जलवायु परिवर्तन एजेंडा के पूरक के इच्छुक अन्य संस्थानों को परियोजना प्रबंधन सहायता प्रदान करती है।

सिडबी ने एक परियोजना “स्वच्छ काशी, स्वावलंबी काशी” शुरू की है जिसमें वाराणसी में प्लास्टिक बोतल की वेंडिंग मशीन को औपचारिक रूप से कचरा बीनने वालों, अपशिष्ट रीसाइक्लिंग इकाई के साथ-साथ निकटतम स्वावलंबी से भी जोड़ा गया है। इसके बाद दिल्ली में भी इसी तरह का कदम उठाया जाएगा।

टीआईएफएसी-सिडबी (सृजन) –ऐसे एमएसएमई/स्टार्टअप्स को अभिनव प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए 3-5% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज दर पर 200 लाख रुपये प्रति परियोजना तक के अत्यधिक रियायती ऋण प्रदान करना जो या तो पूर्व-व्यावसायीकरण चरण में पहुंच गए हैं या बाजार का परीक्षण कर चुके हैं और टीआईएफएसी-सिडबी (सृजन) कार्यक्रम के माध्यम से स्केल अप के लिए तैयार हैं।

सिडबी ने एंड टू एंड एनर्जी एफिशिएंसी (4ई) स्कीम के कोष को अद्यतन किया है जिसे विश्व बैंक के साथ संयुक्त सहयोग से चैनलाइज किया गया है। सुव्यवस्थित 4ई अधिक से अधिक ऊर्जा दक्षता और त्वरित सुपुर्दगी के साथ सौर परियोजनाओं का समर्थन करेगा। पात्र परियोजनाओं के लिए 4.90% – 7% प्रतिवर्ष के बीच ब्याज दरों पर 300 लाख रुपये तक के सावधि ऋण दिए जा रहे हैं।

सिडबी, जोखिम साझाकरण सुविधा द्वारा समर्थित वित्तीय सहायता के माध्यम से ऊर्जा सेवा कंपनियों (ईएससीओ) के लिए बाजार के विकास का समर्थन कर रहा है। वर्तमान में 13 संस्थाएं इस प्रयास में भागीदार हैं। इस परियोजना के तहत 450 करोड़ रुपये के संचयी निवेश के साथ 40 ईएससीओ परियोजनाओं का समर्थन किया गया है जो 205 जीडब्ल्यूएच की वार्षिक ऊर्जा बचत और 1,52,300 टन कार्बन डाईऑक्साइड के वार्षिक उत्सर्जन में कमी के लिए अग्रणी है। सिडबी द्वारा नगरपालिकाओं, भवनों, होटलों, अस्पतालों, एमएसएमई इकाइयों , बड़े उद्योगों, वितरण कंपनियों आदि में कार्यान्वित की जा रही ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से अपनी पहुंच के विस्तार को जारी रखेगा।

सिडबी ने नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैप, अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं, सीबीजी आदि सहित राष्ट्रीय जोर के अनुरूप एमएसएमई क्षेत्र में हरित परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए एक हरित वित्त योजना (जिसमें वित्तपोषी कोष और जोखिम साझाकरण सुविधाकी विंडो है) को शुरू किया है।

उच्च प्रभाव वाली नवीन प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक खिड़की बनाई गई है जो अपने उत्पाद प्रोटोटाइप चरण में सफलतापूर्वक पहुंच गई है और इसमें प्रभाव पैदा किए जाने की उच्च संभावनाएं दिखाई देती हैं। इसके अंतर्गत, प्रति परियोजना रु.25 लाख की दर से सावधि ऋण के रूप में सहायता दी जाएगी। ऐसी परियोजनाओं के अंतर्गत वाणिज्यिक संचालन शुरू होने से पहले अनुमोदन, प्रमाणन आदि प्राप्त करने के लिए जरूरी गतिविधियों, शुल्क आदि में लगनेवाली लागत को भी शामिल किया जा सकेगा।

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